भागलपुर से बड़ा खुलासा: दो पाकिस्तानी महिलाएं बन गईं ‘भारतीय वोटर’, अब कटेगा नाम

न्यूज स्कैन ब्यूरो, भागलपुर

भागलपुर में मतदाता सूची से दो पाकिस्तानी महिलाओं के नाम काटने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय के आदेश पर स्थानीय प्रशासन ने तत्काल कदम उठाते हुए बीएलओ को कार्रवाई का निर्देश दिया है। बताया जा रहा है कि दोनों महिलाओं ने भारत में रहकर मतदाता पहचान पत्र भी बनवा लिया था और वर्षों से वोट भी डाल रही थीं।


बीएलओ ने शुरू की फॉर्म-7 की कार्रवाई

प्रशासन के निर्देश मिलते ही बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) ने फॉर्म-7 भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पाकिस्तानी महिला इमराना खातून के मामले में बीएलओ फरजाना खातून ने पुष्टि की कि –
“हमें विभाग से आदेश आया तो हमने सत्यापन किया। इमराना के पास पासपोर्ट, वीज़ा और एपिक नंबर हैं। नाम काटने की प्रक्रिया जारी है। उनका मतदाता पहचान पत्र तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया जाएगा।”


मीडिया से बात करने से इंकार

जब मीडिया कर्मी इमराना के घर पहुंचे तो वहां मौजूद लोगों ने दरवाजा तक नहीं खोला। किसी ने बातचीत करने से भी परहेज किया। दूसरी ओर, पाकिस्तानी महिला फिरदौसिया खानम उर्फ फिरदौसिया खातून के बेटे मोहम्मद गुलरेज ने दावा किया –
“हमारे यहां कोई जांच के लिए नहीं आया। बीएलओ पहले आए थे, हमने सभी दस्तावेज दिए। 11 कागजात जमा किए हैं। हम हर चुनाव में वोट डालते हैं, पिछली बार भी डाले थे।”


गृह मंत्रालय की जांच में बड़ा खुलासा

गृह मंत्रालय की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि भागलपुर के टैंक लेन इलाके में रहने वाली दोनों महिलाओं ने भारतीय मतदाता पहचान पत्र बनवा रखा है। इमराना के पति का नाम इबतुल हसन दर्ज है।फिरदौसिया के पति का नाम मो. तफजील अहमद बताया गया है। जांच से पता चला कि रंगपुर निवासी फिरदौसिया 19 जनवरी 1956 को तीन महीने के वीजा पर भारत आई थीं, जबकि इमराना तीन साल के वीजा पर भारत आई थीं। दोनों को वीजा अवधि समाप्त होने के बाद वापस लौटना था, लेकिन वे यहीं रुक गईं।


सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी

विदेश मंत्रालय और पासपोर्ट कार्यालय से ली गई रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि दोनों महिलाएं अभी भी भागलपुर में रह रही हैं। गृह मंत्रालय ने इस पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा और चुनावी पारदर्शिता से जुड़ा मानते हुए तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया है।