न्यूज स्कैन ब्यूरो, सुपौल
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता तथा बिहार कांग्रेस के प्रशिक्षण प्रभारी प्रो. रंजीत कुमार मिश्र ने कुसहा त्रासदी को याद करते हुए बिहार सरकार से मांग की है कि कोसी योजना पर तत्काल श्वेत पत्र जारी किया जाए। कुसहा त्रासदी को देखते-देखते 17 वर्ष बीत गए।उस जलप्रलय में लाखों लोग प्रभावित हुए, हजारों लोगों तथा मवेशियों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले से बेहतर कोसी बनाने का वादा किया था परन्तु भाजपा के संगत में वह जुमला बनकर ही रह गया।
आज भी कोसी क्षेत्र के किसानों के खेतों में कई-कई फीट बालू जमा है। कुसहा त्रासदी में जो पुल-पुलिया ध्वस्त हुए थे,वह आज भी उसी अवस्था में हैं। अधिकांश स्वास्थ्य केंद्र भी मरणासन्न अवस्था में हैं। कोसी योजना के नाम पर कुछ अभियंताओं, संवेदकों, प्रशासनिक अधिकारियों तथा कुछ राजनेताओं की मिलीभगत से लूट जारी है।
प्रो. मिश्र ने बताया कि वर्ष 2008 की कुसहा त्रासदी के बाद बिहार सरकार ने जस्टिस वालिया के नेतृत्व में एक आयोग का गठन किया था।उस आयोग को अपनी रिपोर्ट दिए कई वर्ष बीत गए परन्तु आज तक सरकार ने उस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया। आखिर वे कौन लोग हैं जिन्हें सरकार बचाना चाहती है?उस रिपोर्ट को तत्काल सार्वजनिक करना चाहिए तथा कुसहा त्रासदी के लिए जिम्मेवार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रो. मिश्र ने कोसी मुख्यालय वीरपुर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कोसी नदी प्रत्येक वर्ष अपने साथ भारी मात्रा में गाद(सिल्ट) लेकर आती है, जिससे नदी का मार्ग अवरुद्ध होता है। यदि नियमित रूप से गाद निकाला जाए तथा तटबंध के किनारे हो रहे अवैध बालू खनन माफिया पर अंकुश लगाया जाए तो काफी हद तक समस्या का समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष कोसी योजना के नाम पर हो रही हजारों करोड़ रुपए की लूट-खसोट को रोकने की जरूरत है ताकि जरूरतमंद लोगों तक इसका लाभ पहुॅंच सके। अतः सरकार को इस योजना पर अब तक हुए कार्यों का लेखा-जोखा के रूप में श्वेत पत्र जारी करना चाहिए ताकि इस योजना की वास्तविकता लोगों के सामने आ सके।
प्रो. मिश्र ने कुसहा त्रासदी में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धॉंजलि अर्पित करते हुए कहा कि कोसी क्षेत्र के लोगों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। मालूम हो कि 18 अगस्त 2008 को कुसहा त्रासदी हुआ था।