न्यूज़ स्कैन ब्यूरो, लखीसराय
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा भले ही अभी बाकी हो, लेकिन लखीसराय में राजनीतिक तापमान चढ़ने लगा है। नगर विकास योजनाओं का श्रेय लेने की होड़ में एनडीए के दो घटक दल यानी भाजपा और जदयू आपस में ही उलझ गए। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस तक को हस्तक्षेप करना पड़ा।
संसार पोखर योजना बना विवाद की जड़
लखीसराय नगर परिषद क्षेत्र में नगर विकास एवं आवास विभाग की स्वीकृत योजनाओं के तहत संसार पोखर का सौंदर्यीकरण और घाट निर्माण कार्य शुरू किया गया। कार्य प्रारंभ पर पूजा-अर्चना का आयोजन भी किया गया था। इसी दौरान डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा स्थल पर पहुंचे और इसे भाजपा की पहल बताते हुए श्रेय लेने की कोशिश की।
जेडीयू जिलाध्यक्ष ने जताई आपत्ति
जेडीयू जिलाध्यक्ष रामानंद मंडल ने इस पर तीखी आपत्ति जताई और दावा किया कि यह योजना राज्य सरकार के तहत शुरू की गई है, जिसका श्रेय सिर्फ भाजपा नहीं ले सकती। इसी बात पर दोनों दलों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए और बहस हाथापाई तक पहुँच गई।
गठबंधन में दरार का संकेत
लखीसराय में भाजपा और जेडीयू कार्यकर्ताओं की भिड़ंत ने एनडीए के अंदरूनी मतभेदों को उजागर कर दिया है। चुनाव से पहले इस तरह का टकराव राजनीतिक हलकों में ‘गठबंधन में दरार’ के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि विकास योजनाओं का श्रेय लेने की होड़ पहले भी कई बार तनाव का कारण बनी है, लेकिन इस बार मामला ज्यादा उग्र हो गया।
पुलिस की एंट्री, तनाव पर काबू
स्थिति बिगड़ते देख पुलिस मौके पर पहुँची और दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर अलग किया। हालांकि हल्की झड़प और नारेबाज़ी की घटनाएं देर तक जारी रहीं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि आयोजन स्थल पर अब अतिरिक्त सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी।
चुनावी समीकरणों पर असर
लखीसराय की घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि एनडीए के अंदर तालमेल कितना मजबूत है? भाजपा और जेडीयू के बीच योजनाओं का श्रेय लेने की राजनीति ने स्थानीय स्तर पर गठबंधन की साख को चुनौती दी है। विपक्ष पहले से ही एनडीए को अस्थिर गठबंधन बताता रहा है। इस घटना ने उन्हें नया राजनीतिक हथियार दे दिया है। लखीसराय की यह भिड़ंत केवल एक विकास योजना का विवाद नहीं, बल्कि आगामी बिहार चुनाव से पहले एनडीए की अंदरूनी खींचतान का खुला संकेत है। भाजपा और जेडीयू कार्यकर्ताओं की सड़क पर हुई भिड़ंत बताती है कि गठबंधन की साझेदारी जमीन पर कितनी नाजुक है।