“डैमेज कंट्रोल या डेमोक्रेसी की रक्षा? सासाराम की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के मंच गरजने के राजनीतिक निहितार्थ को समझिए

न्यूज स्कैन डेस्क, पटना
17 अगस्त 2025 को बिहार के सासाराम में “वोटर अधिकार यात्रा” की शुरुआत हुई। इसे राहुल गांधी एवं तेजस्वी यादव ने संयुक्त रूप से लॉन्च किया। इस यात्रा में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी मंच पर लंबे समय बाद सक्रिय अंदाज में दिखाई दिए। पुराने अंदाज में लालू ने लोगों को खूब आकर्षित किया। महागठबंधन का संयुक्त रूप से यह ताकतवर आगाज माना जा रहा है। लालू यादव की वापसी से विपक्ष को लोकल स्तर पर मानवीय और भावनात्मक समर्थन मिला, जबकि राहुल–तेजस्वी की जोड़ी युवाओं और शहरी मतदाताओं को आकर्षित करने का माध्यम बन रही है। चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया और बीजेपी की तीखी आलोचना राजनीतिक संघर्ष को और उभार रही है। जाहिर है, ये यात्रा महागठबंधन द्वारा सत्ता संघर्ष में एक तीखा हमला है। लेकिन सियासी हलकों में यह सवाल भी है कि पहली बार एेसा है कि लालू को मंच पर तो लाया गया है लेकिन चुनावी पोस्टर से इस बार लालू-रबड़ी गायब हैं। मुख्य चेहरा तेजस्वी ही नजर आ रहे हैं।

अपने अंदाज में नजर आए लालू
77 वर्षीय लालू यादव मंच से अपनी चुटीली और लोकभाष्य शैली में उपस्थित जनसभा को मंत्रमुग्ध कर गए। उन्होंने कहा, “लागल‑लागल झुलनिया में धक्का, बलम कलकत्ता चला”। उन्होंने अपने पुराने अंदाज से जनता का मन जीत लिया। उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर वोट चोरी और लोकतंत्र के विनाश का आरोप लगाते हुए जनता से एकजुट होने का आह्वान किया। कहा, सब मिलकर भाजपा को उखाड़ फेंकिए।

राहुल गांधी का अंदाज
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (EC) और बीजेपी पर मिलकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के माध्यम से वोट चोरी की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने विपक्ष की यात्रा को “लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई” बताया और बिहार की जनता से मतदान के अधिकार की रक्षा का आह्वान किया।

तेजस्वी यादव का भावपूर्ण भाषण
तेजस्वी यादव ने SIR प्रक्रिया को “चोरी नहीं, बल्कि डकैती” करार दिया। कहा एनडीए जनता को चूना लगाने की कोशिश में है और यह बिहार के लोग हैं जो खैनी में मिलाकर चबाकर फेंक देते हैं। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में राहुल गांधी को बड़ा भाई और खरगे को अभिभावक का दर्जा मिला है, जिससे पार्टी में एक नए नेतृत्व का संदेश भी गया। चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी समेत विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया और कहा कि आयोग किसी भी राजनीतिक दल के प्रति पक्षपात नहीं करता है।

INDIA ब्लॉक की एकता और राजनीतिक संदेश
इस रैली में कांग्रेस, RJD, CPI(ML), CPI, VIP जैसे INDIA गठबंधन के दलों ने एकता का दृढ़ संदेश दिया। राहुल–तेजस्वी एक ही जीप में जनता को अभिवादन कर रहे थे। इसमें तेजस्वी ड्राइविंग सीट पर थे और राहुल हाथ हिला रहे थे। यह तस्वीर गठबंधन के सहयोग और साझेदारी को दिखाती है।

क्या है इसका राजनीतिक संदेश
महागठबंधन का दावा है कि यह वोटर अधिकार यात्रा न केवल चुनावी अभियान है, बल्कि यह लोकतंत्र, संविधान और मताधिकार की रक्षा का प्रतीक भी है। सासाराम के आयोजन से राजनीतिक ताकत व एकता का संदेश देने की कोशिश है। लालू की मंच पर वापसी, राहुल–तेजस्वी की जोड़ी और चुनाव आयोग के साथ टकराव इसे 2025 के बिहार चुनावों की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ बना सकते हैं।