तेरापंथ महिला मंडल ने किया नींद को ताकत बनाने के विषय पर कार्यशाला आयोजित की

न्यूज स्कैन ब्यूरो, अररिया
फारबिसगंज तेरापंथ भवन के महाप्रज्ञ ध्यान कक्ष में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वाधान में प्रेक्षा प्रवाह:शक्ति और शांति की ओर
के अंतर्गत विषय नींद को अपनी ताकत बनाएं विषय पर कार्यशाला का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यशाला में महत्वपूर्ण समस्या अनिद्रा के साथ-साथ नींद को कैसे अपनी ताकत बनाये जाने विषय पर प्रशिक्षकों के द्वारा विचार प्रस्तुत किए गए।
कार्यशाला का शुभारंभ महिला मंडल की बहनों के द्वारा प्रेरणा गीत एवं प्रेक्षा गीत के साथ किया गया।तत्पश्चात महिला मंडल की अध्यक्षा समता दुगड़ ने कहा कि कल्याण वर्ष के तहत कार्यशालाओं के द्वारा शक्ति एवं शांति की ओर ले जाने का प्रयास है। अगर हम इन्हें अपने जीवन में उतारते हैं और अपनाते हैं तो निश्चित रूप से आगे बढ़ सकते हैं।उपासिका एवं प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षिका प्रभा सेठिया ने प्रणायाम,आसन और विभिन्न मुद्राओं के द्वारा किस तरह अनिद्रा की समस्या से मुक्ति पाया जा सकता है,बताया। फिजियोथैरेपी स्पेशलिस्ट डाॅ सौम्य सिद्धार्थ और ऑर्थोपेडिक डॉ सुमित केसरी दोनों ने साइंटिफिक रीजन बिहाइंड स्लीप के बारे में विस्तृत चर्चा की। डाॅ सौम्य सिद्धार्थ ने हाथों एवं पैरों के आसान व्यायाम के द्वारा किस तरह सुखद नींद की प्राप्ति की जा सकती है, के बारे में बतलाया। डॉ सौम्य सिद्धार्थ ने मेलाटोनिन हार्मोन किस प्रकार हमारे शरीर में नींद के लिए काम करता है, इसकी जानकारी दी।डॉ सुमित केसरी ने कहा कि नींद ऊर्जा का स्रोत है। वह हमें दूसरे दिन उतने ही स्फूर्ति और ताजगी देगी।सोने से दो घंटे पूर्व खाना खा लेने की सलाह दी। रात के समय गरिष्ठ तले हुए एवं मैदा से बनी हुई खाद्य पदार्थ के सेवन से बचने की सलाह दी।उन्होंने आजकल की लाइफ स्टाइल को अनिद्रा का सबसे बड़ा कारण बताया।
महिला मंडल की परामर्शिका चंचल बैद ने खानपान का हो ध्यान तो नींद बने आसन के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नियमित समय पर खाना खाने पर हमारी शरीर प्रणाली मजबूत होती है एवं वह नींद में सहयोगी बनती है।
महिला मंडल की सहमंत्री अंजू बैद ने भी खानपान और नींद के संबंध को अपनी भावों के द्वारा प्रस्तुत किया। उपासिका प्रभा सेठिया ने साधना में नींद सहयोगी कैसे बने के बारे में बतलाया।
कार्यशाला का मंच संचालन करते हुए महिला मंडल मंत्री कल्पना सेठिया ने इस कार्यशाला का निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि अगर हम जीवन में सम रहना,हर छोटी से छोटी बात को इग्नोर करना, कार्य उत्सव एवं अपने आप को खुश रखना,विपरीत परिस्थितियों में सकारात्मक सोच रखते हैं तो हमारे जीवन में नींद शक्ति एवं शांति का स्रोत बनाकर अवश्य ही आएगी।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में आरपीएफ के उमेश सिंह के अलावा अग्रवाल महिला मंच की ओर से सुनीता गोयल ,माहेश्वरी समाज की ओर से सरस्वती माहेश्वरी,मारवाड़ी युवा मंच की संस्कृति शाखा से मनीषा महेश्वरी ,साधुमार्गी समता महिला समिति से डॉली जैन ,स्नेहा जैन राजू सोनावत, अंजू सुराणा के साथ कमला महनोत,कांता मरोठी, चंदा बैद, सुशीला बोथरा दीपशिखा गोलछा ,सोनू डागा, ललिता बैद ,निशा राखेचा ,सोनू पटावरी, बबीता डागा, कुसुम भंसाली,हर्षा,भाग्यश्री, विमला राखेचा, लीला देवी ,सीरू देवी,दीपक सामदरिया,सुमन डागा,आशीष गोलछा,पंकज नाहटा आदि मौजूद रहे।