गंगा पीछे हट रही, पर खतरा कम नहीं… अब मसाढ़ू की बारी

  • कहलगांव और पीरपैंती में धरती खा रही है नदी
  • केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को भागलपुर में गंगा का जलस्तर 34.37m
  • कहलगाव में 32.56 m दर्ज किया गया है, कटाव का डर, बाढ़ की छाया और राहत की आस—गंगा के किनारे जीवन अब भी संघर्ष का नाम है।

प्रदीप विद्रोही, भागलपुर

गंगा अब पहले जैसी उफनती नहीं दिख रही, लेकिन उसका मिज़ाज अभी भी सख्त है। जलस्तर घटा है, पर अब कटाव की रफ्तार बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग के रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को भागलपुर में गंगा का जलस्तर 34.37m
कहलगाव में 32.56 m दर्ज किया गया है। बुधवार को सबौर के मसाढ़ू चांयचक में गंगा ने तीन बीघा उपजाऊ ज़मीन निगल ली। मुखिया ने बताया कि पिछले पांच दिन मे करीब 25 घर कटाव की ज़द में आकर गंगा में समा चुके हैं। वहीं कहलगांव स्थित काग़ज़ी टोला के छः मछुआरों का घर बीती रात गंगा लील गई। ग्रामीणों के चेहरे पर चिंता साफ़ झलक रही है – “अब घर बचेगा या नहीं?” कुलमिलाकर, कटाव का डर, बाढ़ की छाया, और राहत की आस—गंगा के किनारे जीवन अब भी संघर्ष का नाम है।

कटाव के निशाने पर अब कहलगांव का काग़ज़ी टोला, पीरपैंती का तटीय इलाका और बिंदटोली है। कहीं मिट्टी बह रही है, कहीं घर। कहलगांव में गुरुवार को मछुआरों की बस्ती के छः घर देखते-ही-देखते गंगा में समा गए। कहलगांव कागजी टोला वार्ड नंबर 11 में बीती रात्रि 2:00 बजे से संतोष सहनी, पिंटू सहनी, प्रकाश सहनी, गणेश सहनी, पवन सहनी, विश्वनाथ सहनी का घर गंगा में समा गया। पीरपैंती स्थित रानीदियारा,एकचारी दियारा, बिरबन्ना, टपुआ के गांवों से पानी उतर रहा है। पानी के उतरते ही कटाव का तांडव शुरू हो जाएगा। बीते वर्षों में इस इलाके में खूब कटाव हो चुका है।

लोग कुछ बचा भी नहीं पाए – बस आँखों से बहती रही एक और बाढ़

इधर, अभियंताओं की कोशिशें जारी हैं – बंबू रोल, जिओ बैग्स और एंटी-कटाव उपाय लगाए जा रहे हैं। पर गंगा का बहाव तेज़ है। जो कुछ बचाने की कोशिश की जा रही है, वह भी बहने को मजबूर है।

बिंदटोली में राहत और पुनर्वास की चुनौती

बिंदटोली में पहले ही 100 से अधिक घर गंगा में समा चुके हैं। अब वहां इस्माइलपुर-बिंदटोली तटबंध पर 400 मज़दूर दिन-रात राहत कार्य में लगे हैं। प्रभावित लोग सड़क किनारे तंबुओं में रह रहे हैं, और सामुदायिक रसोई से तीन वक्त का खाना मिल रहा है। जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने बताया कि बिंदटोली के विस्थापितों के लिए एक पुनर्वास योजना तैयार की जा रही है। “लोगों को केवल राहत नहीं, स्थायी समाधान चाहिए”, उन्होंने कहा।

फरक्का से बह रहा पानी, खुले सभी 108 फाटक

नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण फरक्का बराज के सभी 108 फाटक खोल दिए गए हैं। महाप्रबंधक आरडी देशपांडे ने बताया कि फिलहाल 40 हजार क्यूसेक पानी लिया जा रहा है, बाकी का बहाव छोड़ा जा रहा है। बराज से रोज़ाना 16.33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

मुख्यमंत्री हवाई सर्वे के बाद, अधिकारियों को कडे निर्देश दिए

पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ग्रस्त इलाके का हवाई सर्वे के बाद गुरुवार को ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। रिपोर्ट के अनुसार, भागलपुर के 85 पंचायतों में लगभग 6 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक प्रभावित परिवार के खाते में ₹7,000 की सहायता राशि भेजी जाए। अधिकारियों के कड़े निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सतर्क रहने और जलस्तर की लगातार निगरानी करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग पूरी मुस्तैदी से कार्य करे तथा सभी अभियंता और वरीय अधिकारी क्षेत्र में कैंप करें। आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देशित किया गया कि वह सतत अनुश्रवण करते हुए प्रभावितों को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के तहत राहत पहुंचाए।

मुख्यमंत्री ने नाव संचालन, पॉलिथिन शीट्स, दवा, पशुचारा, सामुदायिक रसोई, राहत सामग्री, ड्राई राशन व फूड पैकेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि जिला आपातकालीन संचालन केंद्र पूरी सक्रियता से कार्य करें ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।