न्यूज स्कैन ब्यूरो, पटना
बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल गरमाते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बुधवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तेजस्वी ने दावा किया कि भाजपा नेताओं को एक ही विधानसभा क्षेत्र में दो-दो वोटर आईडी (EPIC नंबर) जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनावी निष्पक्षता पर सीधा हमला है और लोकतंत्र के लिए खतरा है।
मुजफ्फरपुर की महापौर का उदाहरण
तेजस्वी ने मुजफ्फरपुर नगर निगम की महापौर निर्मला देवी का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके पास एक ही विधानसभा क्षेत्र में दो वोटर कार्ड हैं। यही स्थिति उनके दो रिश्तेदारों की भी है। तेजस्वी का कहना है कि यह कोई एक-दो मामलों तक सीमित नहीं, बल्कि सुनियोजित तरीके से हो रहा है।
SIR प्रक्रिया पर सवाल
तेजस्वी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया को संदिग्ध बताते हुए आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में अन्य राज्यों के लोगों के नाम जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने उदाहरण दिया कि गुजरात का एक व्यक्ति अब पटना के वोटर लिस्ट में शामिल है, जबकि उसने हाल में गुजरात में ही मतदान किया था।
भाजपा को फायदा पहुंचाने का आरोप
आरजेडी नेता ने कहा कि पहले भाजपा CBI, ED और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग करती थी, लेकिन अब सीधे चुनाव आयोग को हथियार बना रही है। उन्होंने 2020 के बिहार चुनाव में “वोट चोरी” और “वोट डकैती” का आरोप दोहराया।
चुनाव आयोग की चुप्पी पर तंज
तेजस्वी ने आयोग के इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “जब सच सामने आ चुका है, तो चुनाव आयोग क्यों चुप है? उनकी चुप्पी बहुत कुछ कह रही है।” तेजस्वी ने भाजपा की चुनावी जीत को लेकर कहा, “लोग सोचते हैं कि भाजपा और मोदी जी हर राज्य में जीतते हैं, लेकिन असलियत यह है कि वोट चोरी हो रही है। अब जब सच सामने है, तो कुछ कहने को बचा नहीं।”