खेत खलिहानों से पकड़ नील गाय की होनी थी तस्करी, कुख्यात पशु तस्कर अली, निषाद, गफ्फार और शमशेर गिरफ्तार

  • कई बार पशु तस्करी में दर्ज हुआ है एफआईआर, प्रतिबंधित पशु नील गाय को भेजते थे बंगाल

न्यूज स्कैन ब्यूरो (परबत्ता), खगड़िया

खगड़िया जिले में प्रतिबंधित नील गाय की तस्करी की जा रही है। जिले के पशु तस्कर मुनाफे कमाने के चक्कर में इन पशुओं को पश्चिम बंगाल भेज रहे हैं। जिले की परबत्ता पुलिस ने गुप्त सूचना पर चार घोषित कुख्यात पशु तस्कर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। जो नीलगायों की तस्करी करते थे। पुलिस ने इनके पास से एक नील गाय को भी बरामद किया है। जिसे वन विभाग को सौंपने की तैयारी की जा रही है। गिरफ्तार तस्करों में परबत्ता प्रखंड के मड़ैया निवासी कुख्यात मो. अली, मो. निषाद, मो. गफ्फार और मो. शमशेर शामिल है। हालांकि पुलिस ने चारों को बॉन्ड भरवाकर छोड़ भी दिया है। जिसके बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं। प्रभारी थानाध्यक्ष अजय यादव ने बताया कि सभी आरोपी पर सुसंगत धारा के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।

नील गाय के हैं सांस्कृतिक महत्व

गौरतलब है कि भारत में नीलगाय का धार्मिक, सांस्कृतिक और पारिस्थितिक महत्व है। हिन्दू धर्म में नीलगाय को पवित्र माना जाता है, और इसे गाय के समान दर्जा दिया जाता है। बावजूद इसके पशु तस्कर इन बेजुबानों की तस्करी धड़ल्ले से कर रहे हैं।

दियारा में बाढ़ के कारण खेतों में पहुंची नील गाय

बता दें कि गंगा नदी में आई बाढ़ के चलते वन्यजीव भी अब सुरक्षित स्थानों की तलाश में हैं। परबत्ता थाना क्षेत्र के कज्जलवन दियारा गांव में दर्जनों नीलगायों ने एक ऊंचे स्थान पर शरण ली थी। लेकिन इन बेजुबानों की मजबूरी का फायदा उठाने की फिराक में कुछ स्थानीय युवक और पशु तस्करी में जुट गए।

अंधेरे का फायदा उठाने की फिराक में था तस्कर

बीते शनिवार को कुख्यात पशु तस्कर अली, निषाद, गफ्फार और शमशेर अंधेरे का लाभ उठाकर नील गाय को बंगाल भेजने की फिराक में था। चारों तस्कर ने एक नीलगाय को पकड़कर जीएनबांध के पास झाड़ियों में बांध दिया। इसके बाद वे उसे बेचने की योजना बनाने लगे। देर रात उन्होंने नीलगाय को एक मैजिक वाहन पर लादकर ले जाने की कोशिश की। तभी कुछ सतर्क स्थानीय युवकों ने इसकी सूचना परबत्ता पुलिस को दे दी।