न्यूज स्कैन रिपाेर्टर, भागलपुर
बाढ़ के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन 16 अगस्त तक सभी 15 फेमिली पेंशनरों का भुगतान सुनिश्चित करे, अन्यथा राष्ट्रपति को त्राहिमाम संदेश भेजा जाएगा।
पेंशनर संघर्ष मंच के सह-संयोजक अमरेन्द्र झा ने कहा है कि विश्वविद्यालय द्वारा 15 मृत पेंशनरों की विधवाओं को 12 अगस्त तक फेमिली पेंशन लागू न करने पर मंच राष्ट्रपति महोदय को त्राहिमाम संदेश भेजने के लिए प्रतिबद्ध है।
मीडिया में जारी बयान के बाद रजिस्ट्रार द्वारा झा के खिलाफ मानहानि और कानूनी कार्रवाई की धमकी दिए जाने पर उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला और रजिस्ट्रार पद की गरिमा के लिए अपमानजनक करार दिया।
अमरेन्द्र झा ने रजिस्ट्रार से सवाल किया कि मंच के सह-संयोजक होने के नाते फेमिली पेंशनरों के हित में दिए बयान को उनके ‘अधिक भुगतान’ के विवाद से जोड़ने का तात्पर्य क्या है? उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई अधिक भुगतान नहीं लिया, बल्कि रजिस्ट्रार के सिग्नेचर से उनके खाते में अतिरिक्त भुगतान जमा हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि रजिस्ट्रार वर्तमान में राज्य सरकार के निर्देशानुसार “पेमेंट-एप्रूवर” हैं, इसलिए उन्होंने सरकारी राशि का दुरुपयोग करते हुए अधिक भुगतान क्यों जमा किया, यह वित्तीय अनियमितता नहीं तो और क्या है?
अमरेन्द्र झा ने यह भी कहा कि सरकार के आदेश के बिना पेंशन राशि से किसी भी वसूली का प्रयास असंवैधानिक है, तथा रजिस्ट्रार द्वारा बिना कोर्ट के आदेश वसूली करना संविधान के खिलाफ है।
उन्होंने पुनः चेतावनी दी है कि यदि 16 अगस्त तक सभी 15 फेमिली पेंशनरों को भुगतान नहीं किया गया, तो मंच राष्ट्रपति महोदया को त्राहिमाम संदेश भेजने के लिए बाध्य होगा। इसके लिए कुलपति एवं रजिस्ट्रार जिम्मेदार होंगे।
मुद्दे से भटकना बंद करें कुलसचिव
तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पेंशनधारियों का बकाया भुगतान महीनों से रुका हुआ है। बावजूद इसके, कुलसचिव ने इसे सुलझाने की बजाय व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप का रास्ता चुना है। अमरेन्द्र झा जी पर ‘अधिक भुगतान’ लेने का आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन है और यह पेंशनधारियों के वास्तविक मुद्दे से ध्यान हटाने की कोशिश है।
यदि कभी कोई अतिरिक्त भुगतान हुआ भी, तो वह विश्वविद्यालय प्रशासन की गलती थी। झा जी का इसमें कोई दोष नहीं। वह राशि भी उनके पेंशन से काट ली गई है। ऐसे में इसे बकाया पेंशन से जोड़ना अनुचित है।
कृष्ण प्रकाश चौधरी उर्फ किशन कालजयी, दिसंबर 2023 में सेवानिवृत्त हुए और जनवरी 2025 से पेंशन शुरू हुई। आज तक 2024 के पूरे 12 महीने की पेंशन और अर्जित अवकाश का भुगतान नहीं मिला है। यह देरी न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारी के अधिकारों का भी हनन है। ऐसे कई पेंशनधारी इस विश्वविद्यालय में हैं।