- राष्ट्रपति के संभावित दौरे को लेकर प्रशासन सक्रिय, डीएम-एसएसपी ने किया विक्रमशिला का निरीक्षण
- एनटीपीसी और जिला प्रशासन कर रहा व्यापक तैयारियां
प्रदीप विद्रोही, भागलपुर
भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संभावित विक्रमशिला दौरे को लेकर भागलपुर जिला प्रशासन में हलचल तेज हो गई है। इसी क्रम में शनिवार की संध्या जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी और एसएसपी हृदयकांत ने विक्रमशिला महाविहार, एनटीपीसी परिसर, हेलीपैड और अन्य संभावित स्थलों का मौके पर जाकर गहन निरीक्षण किया।
निरीक्षण में शामिल रहे ये पदाधिकारी
इस निरीक्षण अभियान में जिले के वरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ एनटीपीसी कहलगांव के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अधिकारियों ने राष्ट्रपति के संभावित ठहराव और कार्यक्रम स्थलों का बारीकी से मूल्यांकन किया और संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।
डीएम ने दिए अहम निर्देश
निरीक्षण के बाद डीएम डॉ. चौधरी ने बताया कि 17 से 25 अगस्त के बीच राष्ट्रपति का आगमन संभावित है। इसी संभावना को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा, साज-सज्जा और जनसुविधा से जुड़ी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कहलगांव एसडीओ को निर्देश दिया गया है कि विक्रमशिला में पूर्व की भांति रैंप का निर्माण कराया जाए। खुदाई स्थल के समीप दो टेंट लगाए जाएं। परिसर की चारदीवारी और बाउंड्री की स्थिति की समीक्षा कर जरूरी मरम्मत कराई जाए।
गेस्ट हाउस और हेलिपैड की भी समीक्षा
डीएम ने विक्रमशिला गेस्ट हाउस, एनटीपीसी गेस्ट हाउस, हेलिपैड सहित सभी संभावित जगहों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। बाद में मानसरोवर गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक की गई, जिसमें सभी अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियां सौंपी गईं और उन्हें समयबद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया।

केंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर क्या बोले डीएम?
पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में डीएम ने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबंधित फिलहाल कोई नई सूचना प्राप्त नहीं हुई है। हालांकि, प्रशासन की ओर से विक्रमशिला को लेकर कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की तैयारियां की जा रही हैं, जिनमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजन भी शामिल हैं।

एनटीपीसी को भी दिए गए निर्देश
निरीक्षण के दौरान एनटीपीसी परियोजना प्रमुख को भी विभिन्न व्यवस्थाओं को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए। साफ-सफाई, लाइटिंग, रुकने की व्यवस्था और आपातकालीन सेवाएं सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया है।