न्यूज़ स्कैन ब्यूरो, भागलपुर
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) प्रशासन द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना को राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने अवैध ठहराते हुए निरस्त कर दिया है। मामला टीएनबी कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुमन कुमार से जुड़ा है, जिनकी वेतन सुरक्षा एवं सेवा निरंतरता की पूर्व स्वीकृत अधिसूचना को विश्वविद्यालय ने एकतरफा रद्द कर दिया था।
डॉ. सुमन कुमार ने इस कार्रवाई के खिलाफ कई बार राजभवन को आवेदन भेजा था। राजभवन ने विश्वविद्यालय से जवाब मांगते हुए मामले पर स्पष्टता देने को कहा, लेकिन विश्वविद्यालय लगातार मौन साधे रहा।
दोनों पक्षों पर विचार करते हुए राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने टीएमबीयू की अधिसूचना संख्या 185/2023 को ‘अवैध’ करार देते हुए रद्द करने का निर्देश दिया और एक सप्ताह के भीतर वेतन सुरक्षा एवं सेवा निरंतरता की अधिसूचना पुनः बहाल करने का आदेश दिया। साथ ही, लंबित प्रमोशन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर राजभवन को सूचना देने का निर्देश भी दिया गया। यह आदेश राजभवन के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू के हस्ताक्षर से कुलपति को भेजा गया।
निर्देश का हुआ आंशिक पालन
राजभवन के आदेश के अनुसार, विश्वविद्यालय ने पूर्व की अधिसूचना को पुनर्स्थापित तो कर दिया, जिससे डॉ. सुमन कुमार की सेवा निरंतरता और वेतन सुरक्षा बहाल हो गई, लेकिन प्रमोशन से संबंधित कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि राजभवन द्वारा निर्धारित समयसीमा बीत चुकी है।
“सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं” – डॉ. सुमन कुमार
डॉ. सुमन कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सत्य को परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं। मैं राज्यपाल सह कुलाधिपति एवं राजभवन के पदाधिकारियों के प्रति आभार, जिन्होंने मेरी अपील पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया और न्याय करते हुए शिक्षक के सम्मान की रक्षा की।”
अब उठ रहे सवाल: प्रमोशन पर क्यों चुप है विश्वविद्यालय?
राजभवन के स्पष्ट आदेश के बावजूद प्रमोशन की प्रक्रिया लंबित है। इसे लेकर शिक्षक समाज में असंतोष है और विश्वविद्यालय प्रशासन की नियत पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब सभी की नजरें विश्वविद्यालय पर टिकी हैं कि वह राजभवन के आदेश का पूर्ण पालन कब तक करता है।