सरकारी अस्पताल वेंटिलेटर पर… वर्षों से कैमूर स्वास्थ्य विभाग कर रहा है अनदेखी

न्यूज स्कैन ब्यूरो, कैमूर

बिहार सरकार जहां एक ओर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं कैमूर जिले के रामपुर प्रखंड स्थित मईडाण खुर्द गांव में बना उप स्वास्थ्य केंद्र मानो वेंटिलेटर पर चल रहा है। लगभग 20 साल पहले बना यह भवन आज पूरी तरह जर्जर हो चुका है और किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।

छत से गिरता प्लास्टर, दिख रहे सरिए

गांव के निवासी मनु राम ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन तीन कमरों वाला है, लेकिन सभी कमरे अब खतरनाक स्थिति में हैं। दीवारों पर दरारें पड़ चुकी हैं, छत से प्लास्टर झड़ रहा है, और सरिए बाहर दिख रहे हैं। कई बार मरीज या कर्मचारी वहां इलाज या दवा लेने पहुंचते हैं, तो प्लास्टर गिरने से जान पर बन आती है।

“एक कमरा ही बचा है”-स्वास्थ्यकर्मी

स्वास्थ्यकर्मी बबीता कुमारी ने बताया कि तीन में से दो कमरे पूरी तरह बेकार हैं। बारिश में छत टपकती है, जिससे दवाएं भी भींग जाती हैं। सिर्फ एक कमरे में किसी तरह दवाएं रखी जाती हैं। बरामदे में इलाज करना पड़ता है, जबकि वहां भी प्लास्टर गिरता रहता है। दिनभर भय का माहौल बना रहता है।

स्वास्थ्य विभाग कर रहा है अनदेखी

गांव के लोग और स्वास्थ्य कर्मी नए भवन निर्माण की लगातार मांग कर रहे हैं, लेकिन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। यही नहीं, अधिकारी कभी निरीक्षण करने तक नहीं आते, जिससे लापरवाही और भी स्पष्ट हो जाती है।

सिविल सर्जन का जवाब

कैमूर सिविल सर्जन डॉ. चंद्रश्वरी रजक ने स्वीकार किया कि भवन जर्जर हो चुका है। उन्होंने बताया कि विभाग को पत्र लिखा गया है, और जल्द ही नए सिरे से भवन बनाने के लिए जगह चिन्हित की जाएगी।