झारखंड में स्नेक बाइट के बढ़ते मामले को लेकर दुर्गम इलाके में ड्रोन से एंटी वेनम पहुंचा रहीं एम्स

  • राष्ट्रपति ने भी एम्स के पहल की सराहना की

न्यूज स्कैन ब्यूरो। देवघर

देवघर समेत संताल परगना में स्नेक बाइट (सर्पदंश) के बढ़ते मामले को देखते हुए एम्स ने बड़ी पहल की है। दुर्गम और सुदूरवर्ती इलाके में जहां पहुंचाना तुरंत आसान नहीं है, वहां ड्रोन से एंटी वेनम पहुंचाया जा रहा है, ताकि कम से कम मौतें हो। राज्य में एम्स पहला अस्पताल बन गया है, जहां ड्रोन हेल्थ केयर की शुरूआत हुई है। संस्थान के पहले दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी एम्स की इस पहल की सराहना की है। दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में एम्स देवघर की ओर से सांप के जहर की दवा, वैक्सीन, ब्लड और इमरजेंसी दवाएं ड्रोन से जरिए पहुंचाई जा रही है।

बरसात में सर्पदंश के मामले में बढ़ोत्तरी

बरसात के मौसम में देवघर समेत पूरे संताल परगना में सर्पदंश के मामले तेजी से बढ़ते हैं। पिछले पांच साल में एक दर्जन से अधिक मौतें सिर्फ सर्पदंश से हुई है। इसमें ज्यादातर मौतें वैसी है, जिन्हें समय पर एंटी वैनम या दवा नहीं मिली। स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि बिहार-झारखंड में सर्पदंश एक बड़ी समस्या है। झारखंड का इलाका जंगली होने के कारण यहां का इकोलॉजी सिस्टम सांपों के लिए अनुकूल है। इसलिए हर साल सर्पदंश से मौतें होती है।

दुर्गम इलाके में ड्रोन से जीवन रक्षक दवाइयों मरीज तक पहुंचाई जा रही है। इसमें कम समय में मरीज तक जीवन रक्षक दवा आसानी से पहुंच जा रही है। इससे मरीजों को काफी फायदा हो रहा है।- डॉ. (प्रो.) सौरभ वार्ष्णेय, कार्यकारी निदेशक सह मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी, एम्स देवघर।