- राहुल कुमार ठाकुर, अररिया
अररिया जिले के घूरना बाजार वार्ड नंबर 11 निवासी बसंत स्वर्णकार के 23 वर्षीय पुत्र बजरंग कुमार सोनी की नेपाल के काठमांडू सेंट्रल जेल में मौत हो गई है। नेपाली जेल प्रशासन ने फोन कर परिजनों को सूचना दी कि बजरंग की मौत बीमारी के कारण हुई है। परंतु परिवार ने इसे हत्या बताते हुए नेपाल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और इंटरपोल स्तर की जांच की मांग की है।
ब्राउन शुगर केस में एक साल से जेल में था बंद
परिजनों के अनुसार, बजरंग नेपाल के काठमांडू में अपने रिश्तेदार के साथ लोहे के ग्रिल और फाटक का काम सीखने गया था। इस दौरान उसकी कुछ नेपाली युवकों से दोस्ती हो गई।
करीब एक साल पहले, बजरंग अपने नेपाली दोस्तों के साथ चाय पी रहा था तभी अचानक प्रशासन की छापेमारी हुई। एक नेपाली युवक के पास से ब्राउन शुगर बरामद होने के बाद प्रशासन ने बजरंग को भी दो अन्य नेपाली युवकों के साथ गिरफ़्तार कर लिया। एक आरोपी मौके से फरार हो गया, जबकि बजरंग और एक अन्य नेपाली युवक को सेंट्रल जेल भेज दिया गया।
मौत से दो दिन पहले किया था परिजनों से बातचीत
बजरंग के पिता बसंत स्वर्णकार ने बताया कि मंगलवार को बेटे ने जेल से फोन कर पूरे परिवार से बातचीत की थी। वह बिल्कुल सामान्य और खुश लग रहा था। परिजनों के मुताबिक, दुर्गा पूजा से पहले उसकी रिहाई की भी उम्मीद थी। लेकिन गुरुवार को जेल प्रशासन की ओर से अचानक सूचना दी गई कि बजरंग की बीमारी के कारण मौत हो गई। इस सूचना से परिवार सकते में है।
परिजनों का आरोप– “साजिश के तहत की गई हत्या”
परिवार को शक है कि बजरंग किसी साजिश का शिकार हुआ है। पूर्व बजरंग दल जिला संयोजक मनोज सोनी ने कहा कि जब तकियत बिगड़ती है, तो जेल प्रशासन को परिजनों को सूचना देनी चाहिए थी, न कि सीधे मौत की खबर। उन्होंने सवाल उठाया कि मौत अचानक कैसे हो गई, जबकि दो दिन पहले बजरंग ने परिवार से हँसी-मजाक में बातचीत की थी। उन्होंने इस मौत को भारत विरोधी तत्वों की साज़िश बताया और प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व विदेश मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
परिजनों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले की इंटरपोल और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से जांच कराने की मांग की है। साथ ही नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है।