हाईकोर्ट में लंबित क्वैश याचिका का हवाला देने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन से किया इनकार
न्यूज स्कैन ब्यूरो, नई दिल्ली
‘लैंड फॉर जॉब्स’ घोटाले में पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। अदालत ने ट्रायल कोर्ट में चार्ज फ्रेमिंग को रोकने संबंधी उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट में आरोप तय करने की प्रक्रिया हाईकोर्ट में लंबित याचिका को निष्प्रभावी नहीं बनाएगी। यानी सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “चार्ज फ्रेमिंग हाईकोर्ट की सुनवाई को निरर्थक नहीं करेगी।”
ज्ञात हो कि लालू यादव की ओर से याचिका में मांग की गई थी कि 12 अगस्त तक ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही टाल दी जाए, क्योंकि इसी दिन दिल्ली हाईकोर्ट में उनकी क्वैश पिटीशन पर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह मांग ठुकरा दी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि लालू यादव यह मुद्दा कि CBI को धारा 17A के तहत अभियोजन पूर्व स्वीकृति नहीं मिली है, ट्रायल कोर्ट के समक्ष डिस्चार्ज एप्लिकेशन में भी उठा सकते हैं। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट से स्थगन की जरूरत नहीं है।
बताना जरूरी है कि यह मामला लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए की घटनाओं से जुड़ा है। आरोप है कि रेलवे में नौकरियों के बदले उम्मीदवारों से जमीन ली गई, जो यादव परिवार या उससे जुड़ी संस्थाओं के नाम की गई थी। इस संबंध में सीबीआई ने 2022 में मामला दर्ज किया। मुख्य रूप से आरोप यही कि रेलवे में भर्ती में नौकरी के बदले रिश्वत ली गई। सुप्रीम कोर्ट का फैसला लालू प्रसाद यादव के लिए कानूनी झटका माना जा रहा है। अब उन्हें ट्रायल कोर्ट में आरोप तय करने की प्रक्रिया का सामना करना होगा, जबकि दिल्ली हाईकोर्ट में 12 अगस्त को उनकी याचिका पर सुनवाई होनी है।