जितेंद्र यादव ने कहा, आगे कांग्रेस का जो भी निर्देश होगा उस पर मजबूती से काम करेंगे… महागठबंधन का आदेश हुआ तो पूर्णिया से लड़ूंगा चुनाव

न्यूज स्कैन डेस्क, पटना/पूर्णिया
पूर्णिया की स्थानीय राजनीति में हलचल मचाने वाला बड़ा घटनाक्रम सामने आ रहा है। पूर्णिया नगर निगम की मेयर विभा कुमारी के पति और पूर्व जदयू नेता जितेंद्र यादव आगामी 27 जुलाई यानी रविवार को पटना में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। माना जा रहा है कि वे पूर्णिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अंदरूनी सूत्रों की मानें तो टिकट को लेकर संभावना सकारात्मक है। वरिष्ठ नेता शकील अहमद, प्रभारी कृष्णा अलावरु व प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की मौजूदगी में पटना में मिलन समारोह में जितेंद्र को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई जाएगी। न्यूज स्कैन से बात करते हुए जितेंद्र यादव ने कहा कि वे पटना में कांग्रेस की सदस्यता लेने जा रहे हैं। आगे कांग्रेस अलाकमान का जो भी निर्देश होगा उसका पालन करेंगे। टिकट पर महागठबंधन में जो तय किया जाएगा उस आधार पर काम करेंगे।
पहले जदयू में थे, निष्कासन के बाद चुनी अपनी नई राह
जितेंद्र यादव लंबे समय से जनता दल (यूनाइटेड) से जुड़े रहे हैं। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगा था। इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद से ही वे सक्रिय राजनीति में वापसी की संभावनाएं तलाश रहे थे। हालांकि सामाजिक स्तर पर वे लगातार सक्रिय रहे।
कांग्रेस में एंट्री से संगठन को मिलेगा नया चेहरा
कांग्रेस के पास पूर्णिया जैसे प्रभावशाली सीट पर कोई मजबूत, जमीनी नेता नहीं था। ऐसे में जितेंद्र यादव की एंट्री पार्टी के लिए वोट बैंक और सांगठनिक मजबूती दोनों लिहाज़ से अहम हो सकती है। यादव वोटों के साथ-साथ नगर निगम में प्रभाव के चलते वे कांग्रेस को शहरी वोटर्स के बीच भी पैठ दिला सकते हैं।
महागठबंधन और एनडीए का हाल
यदि 2025 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और राजद महागठबंधन या INDIA ब्लॉक के तहत साथ आते हैं, तो पूर्णिया सीट पर दोनों दलों में खींचतान हो सकती है। राजद अपने पारंपरिक यादव वोट बैंक का हवाला देकर इस सीट पर दावा ठोक सकती है, जबकि कांग्रेस अब इसे जितेंद्र यादव के नाम पर अपने खाते में रखने की तैयारी में है। राजद के लिए यादव वोटों पर ‘ओवरलैप’ का संकट खड़ा हो सकता है। जदयू और बीजेपी के लिए यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि उनके पुराने नेता अब विरोधी खेमों की तरफ रुख कर रहे हैं। निश्चित रूप से स्थानीय स्तर पर इससे शक्ति संतुलन को बिगाड़ सकता है। पूर्णिया में जितेंद्र यादव का कांग्रेस में शामिल होना सिर्फ राजनीतिक पारी की वापसी नहीं, बल्कि स्थानीय और गठबंधन स्तर पर समीकरणों के पुनर्गठन की भी शुरुआत है।