विदाई हो तो ऐसी: जब पूरे गांव ने शिक्षिका को ‘स्कूल की लक्ष्मी’ कहकर रोते हुए किया विदा

न्यूज स्कैन ब्यूरो, किशनगंज

जिले के एक गांव के स्कूल में शनिवार को एक असाधारण और भावनात्मक विदाई समारोह हुआ, जहां शिक्षिका कुमारी निधि को “स्कूल की लक्ष्मी” कहकर पूरे गांव ने आंखों में आंसू और दिल से दुआओं के साथ विदा किया। ग्रामीण महिलाओं ने पारंपरिक खोइचा भरा, मेहंदी रचाई, चुंदरी ओढ़ाई और फूलों की माला पहनाकर निधि को सम्मान दिया।

निधि सिर्फ एक शिक्षिका नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की वाहक थीं। उन्होंने बाल विवाह के खिलाफ मुहिम चलाई, दर्जनों बालिकाओं को इसके चंगुल से बचाया और स्कूल से कट चुके बच्चों को दोबारा शिक्षा से जोड़ा। माहवारी स्वच्छता पर जागरूकता फैलाने से लेकर दहेज विरोध तक, उन्होंने गांव की सोच में बदलाव की नींव रखी।

उनके विदाई समारोह में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक भावुक दिखे। एक महिला ने कहा, “निधि मैडम ने हमारे बच्चों को उड़ान दी, सपने दिखाए और उनके लिए रास्ते बनाए।” गांव के बुजुर्गों ने बताया कि निधि की मेहनत से स्कूल में कायाकल्प हुआ और अब बच्चे बड़े सपने देखने लगे हैं। यह विदाई एक शिक्षिका के योगदान की कहानी नहीं, बल्कि शिक्षा के माध्यम से हुए सामाजिक बदलाव की मिसाल बन गई।